कोई ये कैसे कह सकता है कि इंसान ने सब कुछ हासिल कर लिया है? हम ये कैसे तय कर सकते हैं कि ह्यूमन सिविलाईजेशन अपनी तरक्की के सबसे ऊँचे पायदान पर है? बेशक हम पीछे मुड़कर ईतिहास के पन्नों पर एक नज़र डाल सकते हैं . जब से इंसान ने धरती पर जन्म लिया है तब से लेकर आज तक उसने कितना कुछ अचीव किया है, उसे झुठलाया नहीं जा सकता. ये समरी आपको इसी टॉपिक पर और जानकारी देती है कि आज इंसान कहाँ पर खड़ा है और अब तक क्या कुछ उसने हासिल किया है. क्या आपको लगता है कि हम तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं या फिर बदकिस्मती से अभी तक एक ही जगह पर अटके हुए हैं ?
ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए ?
• जो भी हिस्ट्री में दिलचस्पी रखते हैं
• जो लोग आने वाले फ्यूचर को लेकर क्यूरियस हैं
• कॉलेज स्टूडेंट्स को
• यंग प्रोफेशनल्स को
ऑथर के बारे में
युवल नोआ हरारी एक ऑथर और प्रोफेसर हैं जो हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ़ जेरुश्लेम में वर्ल्ड हिस्ट्री पढ़ाते हैं. उनकी लिखी बुक ‘सेपिएंस: अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमनकाइंड’, एक इंटरनेशनल बेस्टसेलर रही है. इस बुक की अब तक 10 मिलियन से भी ज़्यादा कॉपी बिक चुकी है और ये दुनिया की 40 से भी ज़्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट की जा चुकी है.
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