हमारे विचार ही हमारा आज, कल और आने वाला कल डिसाइड करते है. आने वाले कल को बैटर बनाने का एक ही तरीका है कि हम अपने आज में जो भी करे पूरे कोंसंट्रेशंन से करे और अपना 100% दे. कल की चिंता कल पर ही छोड़ दे.
1. इस बुक से हम क्या सीखेंगे?
इस बुक का गोल है रीडर्स को ज्यादा एन्जॉयबल और फुलफिलिंग लाइफ जीने में हेल्प करना. उन्हें अपने और अपने आस-पास के लोगो के बारे में और ज्यादा अवेयर कराना ताकि वो लाइफ को एक डिफरेंट पॉइंट ऑफ़ व्यू से देखने की आदत डाले. हम अक्सर छोटी-छोटी बातो से घबरा जाते है और फ्यूचर को लेकर परेशान रहते है लेकिन ये बुक आपको प्रेजेंट में खुश रहना सिखाएगी.
2. ये बुक किस किसको पढनी चाहिए ?
ये बुक हर उस इंसान को पढनी चाहिए जो अपनी लाइफ में हैप्पीनेस और फुलफिल्मेंट चाहता है. जो लोग क्रीटिज्म के डर से एक्शन लेने से घबराते है उन्हें एक बार ये बुक पढके देखनी चाहिए.
3. इस बुक के ऑथर कौन है?
इस बुक के ऑथर डेल कार्नेजी है. ये बुक फर्स्ट टाइम ग्रेट ब्रिटेन में 1948 में पब्लिश की गयी थी. डेल कार्नेज का जन्म 24 नवंबर, 1888 में हुआ था. वो एक अमेरिकन राइटर और लेक्चरर थे. वो एक सेल्फ-इम्प्रूवमेंट, कार्पोरेट ट्रेनिंग, सेल्समेनशिप, पब्लिक और इंटरपर्सनल स्किल्स डेवलपर भी थे.
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